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चीन और भारत दुश्‍मन नहीं हैं : जिनपिंग

मोदी और जिनपिंग की मुलाकात ने सबको हैरान कर दिया...

     चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत में कहा कि चीन और भारत दुश्मन नहीं हैं। दोनों देश साझेदार हैं और दोनों एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास के लिए अवसर हैं। पिछले कई वर्षां से भारत और चीन के रिश्तों में काफी कटुता आ गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वेषपूर्ण व्यवहार के चलते भारत के लिए जरूरी हो गया था कि वह अपने पुराने मित्र रूस के साथ संबंध सुधारे और चीन को भी साथ ले।
     भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चीन दौरे में शी जिनपिंग ने भारत के प्रति अपने रूख से सबको हैरान कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक दोनों देश अपने रिश्तों को सुधारने की दिशा में काम करते रहेंगे, तब तक हम विकास करते रहेंगे। शी ने कहा कि चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी और एक-दूसरे की सफलता में मदद करने वाले दोस्त बनना चाहिए। मीटिंग में जिनपिंग ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई।
     शी जिनपिंग ने इच्छा जताई कि ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) को साथ आना चाहिए। वह कहते हैं कि भारत-चीन संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। जिनपिंग ने दोनों देशों से रणनीतिक संवाद बढ़ाने, विश्वास मजबूत करने, बहुपक्षीय सहयोग में भागीदारी बढ़ाने और वैश्विक दक्षिण की एकजुटता को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
     भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही सामरिक स्वायत्तता के पक्षधर है और उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने इस बात की आवश्यकता को समझा कि बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार जैसे द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों पर साझा आधार का विस्तार होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के सम्मान, हित और संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर संबंध और सहयोग दोनों देशों की प्रगति और विकास के साथ बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए आवश्यक है।

 
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