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ग्रास साप्ताहिक, निर्मल निवास, सपरून, सोलन
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इस बार भी बढ़ में लकड़ी के स्लीपर बहते हुए देखे गए
पंडोह डैम में पहुंच गए लकड़ी के अवैध स्लीपर...
निजी संवाददाता
शिमला
: हिमाचल प्रदेश में वृक्षों के कटान पर कोई सार्थक रोक नहीं
लगाई जा रही है। पिछली बरसात में पानी के बहाव के साथ लकड़ी के बड़े बड़े
स्लीपर पानी के बहाव के साथ बहते हुए दिखाई दिए थे। इस बार भी चोरी करके
रखा गया अवैध लकड़ी का जखीरा सबके सामने आ गया। मंडी के पंडोह डैम में बहकर
आई लकड़ियों ढेर लग गए।
पिछली बरसात में जब बाढ़ जैसी स्थिति हिमाचल प्रदेश में आई
थी तो इसमें कारें, जीपें, मकान और बड़े बड़े वाहन पानी में बहते हुए नजर आए
थे। इसी के साथ अवैध रूप से काटकर रखी हुई लकड़ी के स्लीपर भी पानी में बहते
हुए दिखाई दिए थे। पहले इस बात को गंभरता से नहीं लिया गया था। लेकिन अब जो
लकड़ी पानी के बहाव से पंडोह डैम तक पहुंच गई है वह चिंत की बात है। लगता है
कि वन काटुओं का खेल हिमाचल प्रदेश में अभी भी खुले रूप से जारी है। इस
मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह
मामला सीआईडी को सौंप दिया है। साथ ही कहा गया है कि इसकी जांच की जाए कि
यह लकड़ी कहां से और किसने काटी है।
बताया जा रहा है कि नदी में बह रही लकड़ियां और पंडोह डैम
में तैरती हुई लकड़ियों का वीडियो और तस्वीरें ऑनलाइन वायरल हुई थी। इस विषय
में लोगों की चिंता को देखते हुए निरंतर जांच की मांग की जा रही थी। इस बात
पर भी अंदेजा जताया जा रहा है कि लकड़ी के समगलरों ने किसी जंगल में लकड़ी
काटकर उसे मिट्टी में दबा दिया होगा। योंकि यदि बहकर आई लकड़ी खुले में रखी
जाती तो इस पर किसी की नजर पड़ सकती थी। समगलर इस लकड़ी को कहीं ठिकाने लगाते
इससे पहले प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई और यह लकड़ियों का जखीरा बहते
हुए पंडोह बांध तक पहुंच गया। लगातार दूसरे वर्ष इस प्रकार की घटना सामने
आने के बाद इस पर कठोर कार्यवाही की जानी जरूरी है ओर दोषियों का पकड़ा जाना
भी बहुत जरूरी है।
सरकार को वन विभाग को यह आदेश देने चाहिए कि बरसात से
पहले जंगलों को काटन से बचाने के लिए निगरानी रखी जाए। एक ओर बरसात के
दिनों में पर्यावरण सुधार के लिए वृक्षारोपण के कार्यक्रम चलाए जाते हैं
वहीं दूसरी ओर वृक्षों का कटान भी जारी है।
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निगम कर्मचारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा
दुकानदारों ने कहा हम खुद अतिक्रमण हटा देंगे...
निजी
संवाददाता
शिमला : पिछले
दिनों लगातार तीसरे दिन तक नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए दलबल के साथ
नाज चौक पहुंची। टीम ने बाजार की सड़क के दोनों ओर बनी दुकानों का निरीक्षण
किया। वहां बाजार के कारोबारी जमा हो गए और उन्होंने पार्षदों को भी वहां बुला
लिया। निगम को वहां दुकानदारों को हिदायतें देकर ही बैरंग वापस लौटना पड़ा।
यहां कपड़े की एक नामी दुकान के बाहर नाली टाइलों से ढकी
मिली। जैसे ही इस पर हथौड़ा चलाने के आदेश जारी हुए, कारोबारियों ने टीम को घेर
लिया और कहा कि बेवजह दुकानों को नुकसान न पहुंचाया जाए। कारोबारियों और निगम
टीम के बीच काफी गहमागहमी भी हुई। दुकानदारों ने कहा कि निगम पहले दुकानदारों
को बताए कि कहां अतिक्रमण है और किसे तोड़ना है। कारोबारी इसे खुद हटा देंगे।
निगम टीम ने कहा कि नालियां ढकी होने से इनकी सफाई नहीं हो पाती। मौके पर मौजूद
सफाई कर्मियों ने भी कहा कि निर्माण होने से नालियां बंद हो रही हैं।
पार्षदों से बातचीत के बाद निगम टीम ने निर्माण नहीं
तोड़ा। बाजार का सिर्फ निरीक्षण हुआ। इसमें 30 से ज्यादा दुकानदार ऐसे मिले
जिन्होंने काउंटर या रास्ता बनाने के लिए सड़क और नाली को ही ढक दिया है। इन्हें
इसे हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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चीन ने 300 इंजीनियर्स को वापस बुलाया
जरूरी मशीनों और पाटर्स पर भी रोक लगाई...
निजी संवाददाता
शिमला
:
भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने 300 से ज्यादा चीनी
इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स को भारत से वापस बुलाने का निर्देश दिया है।
चीन ने भारत को जरूरी मशीनों और पार्ट्स की डिलीवरी रोक दी है। ये मशीनें
और पार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स के लिए बेहद जरूरी
हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने ऐसा भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को
प्रभावित करने के लिए किया है।
चीनी कर्मचारियों की संख्या एक फीसदी से भी कम है लेकिन
ये प्रोडक्शन और क्वालिटी मैनेजमेंट जैसे अहम ऑपरेशंस में महत्त्वपूर्ण
भूमिका निभाते हैं। चीनी सरकार द्वारा अपने नागरिकों को वापस बुलाने के
निर्देश से फैक्टरियों में काम धीमा हो सकता है। इससे एप्पल की वह योजना
प्रभावित हो सकती है, जिसमें वह अपनी मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हिस्सा चीन से
भारत शिफ्ट करना चाहती थी।
बीते दिनों चीन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स
में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई भी रोक दी थी। ऐसे
में चीन के इन दोनों कदमों को भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ को
कमजोर करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। यह भी अटकलें लगाई जा रही
हैं कि चीन शायद भारत के साथ टिट-फॉर-टैट की रणनीति अपना रहा है, क्योंकि
उनके कारपोरेट कर्मचारियों को बिजनेस वीजा हासिल करने में काफी दिक्कतों का
सामना करना पड़ा है।
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छोटे बच्चों के आधार कार्ड
निजी
संवाददाता
शिमला : हिमाचल
प्रदेश सरकार ने छोटे बच्चों के आधार कार्ड बनाने पर जोर दिया है। प्रदेश ने
पांच साल से कम उम्र के बच्चों का आधार बनाने में देशभर में पहला स्थान हासिल
किया है। राष्ट्रीय औसत 39 प्रतिशत के मुकाबले, हिमाचल ने 56 प्रतिशत का कवरेज
हासिल किया है।
इस उपलब्धि के साथ ही राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण
प्रणाली (पीडीएस) में चेहरा आधारित प्रमाणीकरण सुविधा भी शुरू की है। यह सुविधा
राज्य में राशन वितरण को और भी सुगम और सुरक्षित बनाएगी। पांच से पंद्रह साल की
उम्र के बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट के लंबित मामलों को कम करने के
लिए निजी स्कूलों को भी इस अभियान में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा
विभाग के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाकर माता-पिता व अभिभावकों को अपने बच्चों
के बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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