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    ग्रास साप्ताहिक का स्थापना 
    दिवस 
    
    
    ग्रास के लिए 
    कठिन रहा यह वर्ष 
    
    संजय हिंदवान 
    
    
          
    इस दीपावली पर ग्रास साप्ताहिक ने अपनी यात्रा का एक और वर्ष पूरा कर लिया है। 
    इस दीपावली के बाद ग्रास साप्ताहिक 33वें वर्ष में प्रवेश कर जाएगा। पिछला वर्ष 
    ग्रासा साप्ताहिक के लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहा। इसका सबसे बड़ा कारण बरसात का 
    मौसम रहा। प्रदेश में मई माह में शुरू हुई बरसात इस अक्तूबर माह के शुरू तक जारी 
    रही करीब पांच-छह माह की बरसात से जहां प्रदेश में भारी नुक्सान हुआ वहीं ग्रास 
    साप्ताहिक के प्रकाशन में भी बड़ी समस्याएं पैदा हुई। 
         बरसात के मौसम में ग्रास का 
    प्रकाशन इसलिए भी रोक दिया जाता है कि डाक द्वारा जाने वाला अखबार सड़कें टूट 
    जाने और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण पाठकों तक समय पर नहीं पहुंच पाता है और जब 
    अखबार पाठकों तक पहुंच जाता है उसी के बाद हम अगले अंक के प्रकाशन की तैयारी 
    करते हैं। हमारे पाठकों, मित्रों और शुभचिंतकों का यह आशीर्वाद हम पर सदा बना 
    रहा है कि आर्थिक तंगी के कारण हमें अखबार छापने में कोई परेशानी नहीं आई है। 
    भविष्य में भी यह आशीर्वाद बना रहेगा यह कामना हम सभी पाठकों, शुभचिंतकों और 
    मित्रों से करते हैं। 
         इस वर्ष की दीपावली सभी पाठकों, 
    मित्रों और शुभचिंतकों के लिए खुशहाली लेकर आए और सभी के लिए प्रगति के नए 
    मार्ग प्रशस्त हों यही कामना ईश्वर से हम करते हैं। हमें इस बात की भी जानकारी 
    है कि जिस प्रकार की आर्थिक स्थिति देश में विद्यमान है उसमें सरकारी नौकरी से 
    लेकर प्रयवेट नौकरी तक करना काफी कठिन हो गया है। व्यापार की तो कमर पूरी तरह 
    से टूट चुकी है। कुछ ही प्रकार के व्यापार बचे हैं जो गुजारे लायक मुनाफा कमाकर 
    दे पा रहे हैं। बावजूद इसके ग्रास साप्ताहिक को सहयोग देने में कभी हमारे चाहने 
    वाला ने कोई कमी नहीं आने दी। 
         चाहने वालों के हौंसले के 
    कारण ही हमने सरकार से सवाल पूछने के क्रम को जारी रखा हुआ है। हम प्रयास करते 
    हैं कि लोगों की आवाज बनकर हम सरकार के सामने लोगों की बात पूरी निर्भीकता के 
    साथ रखते रहें और लोगों को जानकारी देते रहें। 
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