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    बिहार चुनाव पर पूरे भारतवासियों की 
    निगाहें 
    
    
    चुनाव परिणाम से अधिक निगाहें 
    चुनाव आयोग पर... 
    
    विशेष संवाददाता 
    
    
       
    
    
    
     शिमला : 
    इस समय राजनीति की सबसे बड़ी खबर बिहार से है। वहां चुनावी प्रचार अपने पूरे 
    यौवन पर है। लोगों की निगाहें वहां राजनैतिक दलों से ज्यादा चुनाव आयोग पर लगी 
    हुई है। लोग देख रहे हैं कि चुनाव आयोग इस बार के चुनाव में किस राजनैतिक दल के 
    पक्ष में अपने नतीजे सुनाता है। 
         एसआईआर को लेकर भी चुनाव आयोग 
    सुप्रीम कोर्ट में भी विवादों में रहा और इस सब बातों का चुनाव परिणाम 14 नवंबर 
    को बाहर आएगा। हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और अब बिहार में चुनाव आयोग पर वोट 
    चोरी करके भाजपा को जिताने के आरोप लगाए गए हैं। राहुल गांधी ने तो बाकायदा 
    प्रेस कांफ्रेस करके चुनाव आयोग की गड़बड़ियों का खुलासा किया है। बिहार में 
    मतदाता सूची को लेकर कई सवाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर बाहर विपक्षी नेताओं ने दागे 
    हैं लेकिन चुनाव आयोग ने सवाला को जवाब नहीं दिया है। इसलिए कहा जा सकता है कि 
    बिहार में जो चुनाव हो रहा है वह भी संश्य के दायरे में आ गया है। अब चुनाव कैसे 
    भी हो पर हो रहा है। अब इस चुनाव में किसने क्या किया है इस पर खुलासे चुनाव 
    परिणाम के बाद ही निकलने शुरू होंगे। तभी कहा जा सकेगा कि चुनाव आयोग भाजपा को 
    जिताने में किस हद तक कामयाब हो सका है। 
         विपक्षी पार्टियों को इस बात 
    पर तो शुबा है कि चुनाव आयोग ने पूरी इमानदारी से बिहार के चुनाव नहीं करवाए 
    हैं। पर वह अपनी पूरी ताकत इसलिए लगाए हुए है कि शायद चुनाव आयोग भाजपा की इतनी 
    मदद न कर पाए कि वह चुनाव परिणाम को ही पलट सके। यदि चुनाव आयोग जिस काम में लगा 
    हुआ है उसे पूरी तरह से अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए तो हो सकता है बिहार में 
    विपक्षी पार्टियों के इंडिया गठबंधन को चुनाव जीतने का मौका मिल जाए। 
         फिलहाल धरातल से जो रिपोर्ट 
    सामने आ रही है उसमें भाजपा और एनडीए की हालत काफी पतली नजर आ रही है। उसके 
    गठबंधन के साथी ही एक दूसरे को हराने पर तुले हुए है। जहां जिस पार्टी के आदमी 
    को टिकट मिली है वहां वह सिफ अपने प्रत्याशी की तरफ देख रहा है और एनडीए गठबंधन 
    से उसे कोई फायदा मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जबकि तेजस्वी यादव की आरजेडी और 
    कांग्रेस इंडिया गठबंधन को विजयी बनाने में अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। कहा 
    जा रहा है कि यदि चुनाव में हेराफेरी कम पैमाने पर हो पाई तो इंडिया गठबंधन की 
    जीत बिहार में काफी आसान है। 
         नेताओं को बिहार चुनाव में 
    विश्वास इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि जीत तो हरियाणा ओर महाराष्ट्र में भी 
    विपक्ष की आसान ही लग रही थी लेकिन चुनाव परिणाम बिलकुल विपरीत आए। लोगों को यह 
    भी लग रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि बिहार के चुनाव परिणाम भी वैसे ही चौकाने वाले 
    हों जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र के आए थे। देखना है कि लुकाछिपी में कौन क्या 
    कर जाता है। 
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