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हिमाचल को बिहार न बनने दे चुनाव आयोग

बी.एल.ओ. को घर घर भेजकर बनाई जाएं वोटर लिस्‍ट...

विशेष संवाददाता

     शिमला : बिहार में जहां राज्य विधानसभा चुनावों के लिए वोटर लिस्ट बनाने और बीएलओ की कार्य प्रणाली को लेकर बवाल मचा हुआ है वहीं हिमाचल में अब पंचायत, नगर निकाय और नगर निगम चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनाने का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में 20 जुलाई से वोटर लिस्ट बनाने की घोषणा हो चुकी है। लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने यह बात स्पष्ट नहीं की है कि बीएलओ घर घर जाकर वोटर लिस्ट बनाएंगे या पहले की तरह कटपेट करके वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
     राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधीशों को इस संबंध में साफ कर दिया है कि जो शेड्यूल है, उसके मुताबिक ही काम करना है। 15 जुलाई तक इन्हें आपत्तियों का निपटारा करना है तो वहीं 20 जुलाई को वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा, जिसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं। यहां चुनाव आयोग ने यह बाद स्पष्ट रूप से सार्वजनिक नहीं की है कि नए सिरे से वोटर लिस्ट बनाने के लिए जिलाधीशों को क्या निर्देश दिए गए हैं। वोटर लिस्ट किस तरह से बनाई जाएगी इसकी सार्वजनिक घोषणा की जानी चाहिए।
     इसे आम लोगों के लिए सार्वजनिक करने की जरूरत इसलिए आन पड़ी है कि पिछले निकाय चुनावों में यह आरोप लगते आए हैं कि चुनाव लड़ने के इच्छुकों ने एक ही घर में 50-100 वोट बनवा लिए, जिसकी ठीक से पड़ताल नहीं की गई। इसका कारण यह रहा कि नई वोटर लिस्ट के नाम पर पुरानी वोटर लिस्ट से ही कटपेस्ट का खेल कर दिया गया और बीएलओ को घर-घर नहीं भेजा गया। इसका प्रमाण इस बात से भी लग गया कि एक ही घर के मतदाता एक साथ मतदाता सूचि में नहीं पाए गए। यदि बीएलओ घर घर भेजे जाते तो एक परिवार के वोट एक साथ मिल जाते।
     बहुत से लोगों को यह शूबा है कि इस बार भी राज्य चुनाव आयोग उल्टी सीघी वोटर लिस्ट जारी कर देगा और फिर एक स्थान पर नए और छूट गए वोटरों को शामिल करने को कहेगा। इसी बात का फायदा उठाते हुए चुनाव लड़ने के इच्छुक एक ही मकान में या अपनी मर्जी से सैकड़ों वोट आपने वार्ड में बनवा लेंगे और आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। इसलिए चुनाव आयोग का प्रयास होना चाहिए कि पहली बार में ही ऐसी वोटर लिस्ट जारी करे जिससे उसे संशोधन के समय बहुत कम लोगों को शामिल करने की जरूरत पड़े। यह कार्य तभी संभव है जब बीएलओ घर घर जाकर नए सिरे से मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करें। वरना हिमाचल और बिहार के चुनावों की हेराफेरी में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।

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