संपादकीय
सौ बार कहा हिन्दू-मुस्लिम न करो
देश
के समझदार लोगों ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से सौ बार कहा
कि देश में हिन्दू-मुस्लिम न करो। लेकिन देश की सड़कों पर इस प्रकार के प्रदर्शन
बंद नहीं हुए। यह प्रदर्शन बड़े शहरों और महानगरों तक ही सीमित नहीं रहे हिमाचल
जैसे छोटे राज्य के छोटे छोटे गांवों तक में यह नफरती भाषा फैल गई। फेरी लगाकर
अपना पेट पालने वालों तक को इन नफरती सोच का शिकार होना पड़ा। मामला यहीं नहीं
थमा पहलगांव में चार मुस्लिम आतंकवादियों ने 26 लोगों से नाम पूछा और हिंदू
होने पर उन्हें गोली मार दी। भारत सरकार ने इसे पड़ोसी देश पाकिस्तान की साजिश
और कत्ले आम बताया।
यह हिंदू मुस्लमान यहीं नहीं थमा भारत सरकार ने इसे भारत पर पाकिस्तान का हमला
बताया और इससे निपटने के लिए आपरेशन ‘सिंदूर’ तैयार कर लिया गया। भारत की सेना
ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तानाबूद कर दिया। यह सैन्य कार्यवाही
एक युद्ध के रूप में परिवर्तित हो गई। पाकिस्तान की सेना भी इसके लिए तैयार
बैठी थी और उन्होंने भी भारत के कई शहरों को निशाने पर ले लिया। भारत के डिफेंस
सिस्टम सेना के पराक्रम ने पाकिस्तान के मनसूबों पर पानी फेर दिया और भारत के
किसी भी शहर को पाकिस्तान के हमले का शिकार नहीं होने दिया। यदि यह हमला सफल हो
जाता तो भारत के कई शहरों में त्राहिमाम त्राहिमाम हो जाता।
अचानक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का संदेश पूरी दुनियां में फैल गया
जिसमें कहा गया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवा दिया है।
पहले तो यह बात सबको अजीब लगी कि अमेरिका के राष्ट्रपति भारत और पाकिस्तान के
बीच बिना बात के युद्धविराम करवाने वाले और इसकी घोषणा करने वाले कौन होते हैं।
लेकिन एक दो दिन तक भारत की ओर से कोई हमला पाकिस्तान पर नहीं किया गया तो सबको
यकीन हो गया कि युद्धविराम हो गया है। वरना लोग तो इंतजार कर रहे थे कि भारतीय
वायुसेना पाकिस्तान में मौजूद सभी आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करके ही चैन से
बैठेगी।
हिंदू मुसलमान से शुरू हुई एक सोच भारत और पाकिस्तान को युद्ध के मुहाने पर ले
आई। ऑपरेशन सिंदूर पर जो भाषण बाजी चली वह संसद के भीतर तक पहुंच गई। बेफिजूल
की बयानबाजियां भी इस दौरा हुई। कुल मिलाकर जहां युद्ध शांत हो गया वहीं भारत
वर्ष में हिंदू मुस्लिम प्रदर्शन भी बंद हो गया। अब इसी बात पर चरचा हो रही है
कि भारत में हिंदू मुसलमान करने वालों को आखिर क्या मिल गया। ऑपरेशन सिंदूर में
जहां सेना ने सरकार के दिशा निर्देश पर अपना काम पूरा कर दिया वहीं कूटनीति में
भारत पूरी तरह से विश्व स्तर पर नंगा हो गया। किसी भी देश ने भारत का पक्ष नहीं
लिया। दुनियां भर में दुश्मन माने जाने वाले देश पाकिस्तान के साथ हुई झड़प में
भारत के साथ नहीं दिखे। अब सवाल पूछे जा रहे हैं कि भारत के भीतर का अमन चैन
खराब करने वालों को क्या मिला भारत ने पहलगांव में अपने नागरिकों को खोया और
विश्व का कोई देश भारत के साथ खड़ा नहीं दिखा। |