|
रूस के पुतिन दिसंबर में भारत आएंगे
चीन का नजरिया बदलने के बाद पुतिन भी पक्ष में
आए...
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
ने तेल खरीद के मुद्दे पर अमेरिकी दबाव की आलोचना की और कहा कि भारत झुकने वाला
नहीं है। उन्होंने सोची शहर में आयोजित वाल्दाई पॉलिसी फोरम को संबोधित करते
हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कभी भी ऐसा फैसला नहीं करेंगे, जो भारत की
संप्रभुता के खिलाफ हो। इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कह चुके हैं
कि चीन और भारत दुश्मन नहीं हैं।
पुतिन ने आगे कहा है कि
भारतीय लोग अपना अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करते। टैरिफ लगाते हुए ट्रंप की भाषा
ने भारतीयों के सम्मान को
ठेस पहुंचाई है। पुतिन ने कहा कि अगर रूस के ट्रेड पार्टनर्स पर ऊंचे टैरिफ
लगाए गए तो इसका असर पूरी दुनियां की ऊर्जा कीमतों पर पड़ेगा। कीमतें बढ़ेंगी और
अमेरिकी फेडरल रिजर्व को मजबूरी में ब्याज दरें ऊंची रखनी होंगी, जिससे अमेरिकी
अर्थ व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। पुतिन के बयान के बाद चीन और रूस के संबंधों
को लेकर नई अंतरराष्ट्रीय चरचा छिड़ गई है।
इसी बीच मास्को से यह खबर भी
मिली है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर की शुरुआत में शिखर वार्ता
के लिए भारत आएंगे। श्री पुतिन के इस दौरे में कुछ महत्त्वपूर्ण समझौतों के होने
की उम्मीद है। उनका भारत का यह दौरा करीब चार साल बाद हो रहा है। क्रेमलिन के
प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भारत के साथ रूस के रिश्ते पर कहा कि भारत के रूस
के साथ विशेष संबंध हैं और रूस इन्हें बहुत महत्त्व देता है।
विश्व में इस बात की चरचाएं
चल रही हैं कि चीन और रूस जहां अमेरिका के शत्रु देश माने जाते हैं वहीं भारत
भी इस गठजोड़ में खड़ा दिख रहा है। अमेरिका का जो व्यवहार पिछले कई महीनों से दिख
रहा है वह भारत के प्रति काफी क्रूर रहा है। आपरेशन सिंदूर में जिस प्रकार भारत
को विश्व भर के देशों से झटका लगा है उसमें भारत के अपने पुराने मित्र रूस और
चीन से संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा लिया है।
|