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सोनम वांगचुक ने सोलन में चौथी क्‍लास तक पढ़ाई की थी

सेंट ल्‍यूक्‍स से सोनम ने किया था पढ़ाई का सफर शुरू...

निजी संवाददाता

     सोलन : विश्व विख्यात पर्यावरणविद और विवादों में चल रहे लद्दाख के रहने वाले सोनम वांगचुक ने अपना बचपन सोलन में बिताया है। वह यहां के प्रतिष्ठित सेंट ल्यूक्स स्कूल में पहली क्लास में दाखिल हुए थे और चौथी क्लास में वह यहां से धर्मशाला चले गए थे। उनके पिता ने वहां दलाई लामा के सुरक्षा अधिकारी की नौकरी कर ली थी।
     सोनम वांगचुक का जन्म 1964 में हुआ था और 1969 में उनके माता-पिता उन्हें सोलन लेकर आ गए थे। पांच साल के सोनम को उनके माता पिता ने सेंट क्यूक्स में दाखिल करवाया। वह 1973 तक सोलन में रहे तब वह चौथी क्लास में थे कि उनके पिता ने धर्मशाला में दलाई लामा के स्क्योरिटी आफिसर की नौकर कर ली। धर्मशाला में उन्हें सेक्रेड हार्ट हाई स्कूल में दाखिला लिया। यहां दलाई लामा के संपर्क में आने के बाद ही उनके मन में गांधीवाद और दलाई लामा की तरह शांतिदूत की छाप मन में घर कर गई थी।
     सोनम वांगचुक धर्मशाला में भी बहुत समय तक नहीं रह पाए और दो वर्ष बाद 1975 में उनके पिता का तबादला दिल्ली के लिए हो गया और सोनम को धर्मशाला भी छोड़ना पड़ा। दिल्ली में बाराखंबा रोड क्षेत्र के मॉडर्न स्कूल में उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की। बाद में दिल्ली के श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज से उन्होंने स्नातक की।
     सोनम को लेह में एक प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा के बाद लाकर जोधपुर जेल में डाल दिया गया है। पूरा विश्व उनकी गिरफ्तारी की आलोचना कर रहा है। सोलन में भी वांगचुक के प्रशंसकों की कमी नहीं है। उन्होंने जो अच्छे कार्य किए हैं वह आजकल पूरी दुनियां में चरचा का विषय बने हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिहाई के लिए जददोजहद चल रही है। लोगों कहते हैं कि महान पर्यवरणविद और गांधीवादी सोच के व्यक्तित्व को जेल में डाल देना अच्छी बात नहीं है।

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