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थरूर मोदी की आंख का तारा बने हुए हैं

मोदी की कबिना में शामिल हो सकते हैं थरूर...

     कांग्रेस के नेता शशि थरूर आजकल अच्छी खासी चरचा में हैं। इसकी वजह यह है कि भारत सरकार ने जो 51 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा है उनमें शशि थरूर चुनिंदा काबिल लोगों में से एक हैं। थरूर इसलिए भी अधिक चरचा में हैं क्योंकि कांग्रेसी होते हुए भी वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंख का तारा बने हुए हैं।
     उनके व्यक्तित्व को उनकी फर्राटेदार अंग्रेजी काफी निखारती है। वह अपनी बात को डिप्लोमेटिक अंदाज में प्रस्तुत करने में भी माहिर है। कहा जा सकता है कि वह एक योग्य व्यक्ति हैं। लेकिन इस बार जिस प्रकार उनका उपयोग प्रधानमंत्री एक बागी कांग्रेसी नेता के रूप में कर रहे हैं उसकी टीस बहुत से लोगों में है। वह इस दौरे में कुछ नहीं कर पाएंगे क्योंकि जिस मकसद के लिए उन्हें विदेश भेजा गया है वह भारत में ही विफल हो चुका है। प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति से जो करार करके आए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस प्रकार का व्यवहार भारत के साथ कर रहे हैं, उस पर कुछ भी कहने में थरूर व विदेश गए अन्य सांसद असहज ही हैं।
     थरूर विदेश में भारत का पक्ष किस प्रकार और किस विषय पर रखते हैं उसके कोई मायने नहीं हैं। असल बात यह है कि वह भारत वापस आकर किस राजनीति का हिस्सा बनेंगे। हलांकि अनुमान स्पष्ट हो चुका है कि वह अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए बैटिंग करेंगे, फिर चाहे उन्हें कांग्रेस को बॉय बॉय ही क्यों न बोलनी पड़े। वैसे भी थरूर और उनके कुछ अन्य सांसद साथी कांग्रेस की स्वीकृति से इस प्रधानमंत्री द्वारा बनाए गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं बने हैं और कांग्रेस पार्टी इस बात को लेकर काफी गंभीर है।
     कहा तो यह भी जा रहा है कि वह भारत लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बनेंगे और उन्हें विदेश मंत्री बनाया जा सकता है। तभी वह अपनी विदेशी प्रतिभा को दिखाने के लिए विदेशों में अपनी प्रतिभा देखा रहे हैं। भाजपा दरअसल थरूर के जरिए केरल में अपना प्रभाव जमाना चाहती है। उत्तर भारत में भाजपा काफी संकट में नजर आ रही है इसकी कमी केरल जैसे राज्यों से पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। कुल मिलाकर इतना तो कहा जा सकता है कि थरूर अब कांग्रेस में नहीं रह पाएंगे और इसके बाद बड़े बदलाव होंगे।

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